होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? | Why Is The Festival Of Holi Celebrated
होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? | Why Is The Festival Of Holi Celebrated

होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? | Why Is The Festival Of Holi Celebrated

होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? | Why Is The Festival Of Holi Celebrated

दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? भारत एक त्यौहारों का देश है या विभिन्न जाति के लोग भिन्न भिन्न प्रकार के त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया करते हैं और इन्हीं त्योहारों में से एक लोकप्रिय त्यौहार होली / Holi का मनाया जाता है भारत में हिंदू समानता को देखते हुए होली का त्यौहार हिंदी पंचांग के अनुसार फागुन माह की पूर्णिमा का दिन मनाया जाता है यह त्यौहार बसंत ऋतु के स्वागत का तोहार माना जाता है तथा इसी प्रकार यह त्यौहार भगवान विष्णु के अवतार, भगवान कृष्ण के लिए भी मनाया जाता है। इसके धार्मिक पहलू के अतिरिक्त, यह त्यौहार सर्दी के समापन और बसंत ऋतु के आगमन को भी दर्शाता है

होली क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या कहानी है?

हर त्यौहार की अपनी एक अलग कहानी होती है इसी प्रकार धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए होली के पीछे भी एक कहानी छुपी हुई है जैसे कि एक हिरण्यकश्यप नाम का राजा था जो अपने आपको बहुत ज्यादा बलवान समझता था और सभी देवी देवताओं से घृणा करता था उसे देवताओं के भगवान विष्णु नाम सुनना बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन उसका पुत्र पहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था लेकिन यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी मैं अपने पुत्र को कई तरीके से डर आता रहता था और भगवान विष्णु की पूजा करने से भी उसे रोकता था पर उसका पुत्र प्रह्लाद अपने पिता की एक भी नहीं सुनता था और अब भगवान विष्णु की भक्ति में सदा लीन रहता था तथा इसीलिए हिरण्यकश्यप ने एक योजना बनाई, तथा अपनी बहन होलिका को कहा कि मेरे पुत्र को अग्नि की वेदी पर लेकर बैठ जाना कोलार अपनी बुआ साथ बेरी पर बैठ गया तथा भगवान विष्णु की भक्ति में लीन हो गया तभी अचानक उसकी बुआ होलिका जलने लगी और उसी समय का ज्वारी हुई जिसके अनुसार होलिका को याद दिलाया गया अगर वह अपने प्रधान का किसी भी कारण दुरुपयोग करेगी तो वह खुद रखने की विधि में जलकर राख हो जाएगी तथा इसीलिए प्रह्लाद का अग्नि कुछ नहीं बिगाड़ पाई और होलिका उसे अग्नि में जलकर भस्म हो गई इसी दौरान वहां के लोगों ने हर्षोल्लास से उस दिन होली की खुशियां मनाई और आज तक उस दिन को होलिका दहन के नाम से जाना जाता है और उसके अगले दिन रंगों से इस दिन को खुशी से मनाया जाता है।

कैसे मनाते हैं होली का त्यौहार,

भारत में होली का त्यौहार बहुत खुशी से मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में ऐसा अधिक से अधिक उत्साह से मनाया जाता है होली के त्यौहार को देखने के लिए लोग ब्रज वृंदावन गोकुल जैसे सभी स्थानों पर जाते हैं इन जगह पर कई दिनों तक मनाई जाती है होली,
ब्रज की होली में एक ऐसी प्रथा है जिसमें पुरुष महिलाओं को पर रंग डालते हैं और महिलाएं उन्हें डंडे से मारती हैं यह एक वहां की बहुत ही प्रसिद्ध पता है जिसे देखने लोग उत्तर भारत के लिए जाते हैं, इसी प्रकार कई स्थानों पर फूलों की होली क्यों मनाई जाती है और उसे ढोल बाजे गाने बजाने के साथ-साथ सभी एक दूसरे से गले में मिलते हैं और अपनी खुशियों को और बढ़ा देते हैं तथा मध्य भारत एवं राष्ट्र में रंग पंचमी का अधिक महत्व इस दिन लोग अपनी टोली बनाकर एक दूसरे को पर रंग गुलाल डालते हैं और सभी एक दूसरे के घर जाकर होली की होली की खुशियों को बांटते हैं और कहते हैं बुरा न मानो होली है इसी तरह मध्य भारत के एक शहर इंदौर में भी होली की कुछ अलग ही धूम देखने को मिलती है वहां पर इसे रंग पंचमी गैर कहा जाता है जिसमें पूरा शहर इंदौर एक साथ मिलकर निकलता है और नाचते गाते हुए इस त्यौहार को 15 दिन पहले से ही मनाने की तैयारियों में लग जाते हैं , रंगों के इस त्यौहार को फागुन महोत्सव भी कहा जाता है इसमें ब्रज की भाषा में गाया जाता है भांग का पानी होली का एक विशेष भाग है होली के दिन नशे में होकर सभी लोग एक दूसरे से गिले-शिकवे को भूलकर नाचते गाते हुए सभी एक दूसरे से गले मिलते हैं तथा होली के दिन सभी घरों में बहुत से पकवान बनाए जाते हैं जैसे गुजिया ,क्योंकि होली की सर्वश्रेष्ठ पकवान के रूप में मानी जाती है तथा इसी तरह बहुत से पकवान होली के दिन सभी अपने घरों में बनाते हैं और होली की खुशियों को नाचते गाते हुए एक साथ खुशी से झूमते हैं और इस त्यौहार को और रोमांचक बना देते हैं।

होली में इस तरह रखें सावधानी,

1. होली का त्यौहार रंगो का त्यौहार है पर इसे सावधानी से मनाना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज के टाइम में रंगों में मिलावट होने के कारण बहुत से नुकसान हो जाते हैं इसलिए इस होली के त्यौहार को गुलाल से मनाना ही सही होता है ।
2. होली के दिन लोग भांग में भी अन्य नशीले पदार्थ मिलाने से बाज नहीं आते ,इसलिए इस तरह की चीजों का सेवन करना बहुत ही गलत साबित होता जा रहा है और इनसे बचना बहुत ही जरूरी है ।
3. होली के त्यौहार में गलत रंगों का उपयोग से आंखों की बीमारी का खतरा भी बहुत बढ़ता जा रहा है इसलिए रसायन मिश्रित वाले रंगों के प्रयोग से बचे ।
4. होली के दिन मिलावट का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है इसलिए घर से बाहर बनी कोई भी वस्तु को खाने से पहले सोचें और उसे खाने से मना कर दे।
5. इसी प्रकार होली के दिन बहुत सावधानी से एक दूसरे को रंग लगाएं तथा किसी के साथ भी जबरदस्ती ना करें और होली के त्यौहार के दिन लड़ाई झगड़ा भी बिल्कुल ना करें ,सभी को खुशी से होली की बधाइयां दे।

होली की शायरी,

” रंगों से भरी इस दुनिया में, रंग रंगीला तोहार है होली,
गिले शिकवे भुला कर खुशियां मनाने का त्यौहार होली,

” रंगीन दुनिया का रंगीन पैगाम है होली,
हर तरफ यही धूम मची है “बुरा ना मानो होली है;..

होली का महत्व,

होली बुराई पर अच्छाई की जीत का एक सामाजिक महत्व है यह एक ऐसा पर्व है जब लोग अपने सभी आपसी मतभेदों को भूल कर एक साथ हो जाते हैं तथा इसमें यह मान्यता है कि इस दिन किसी को लाल रंग लगाया जाए तो सभी तरह के मन के भेद दूर हो जाते हैं क्योंकि लाल रंग को प्यार और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

होली के उत्सव की गतिविधियां,

होली का तोहार आनंद लेने के लिए और भगवान विष्णु के प्रति अपनी आस्था प्रदर्शित करने के लिए भारतीय लोग होली के त्यौहार के उत्सव की कई गतिविधियों में धूमधाम से हिस्सा लेते हैं और इस त्यौहार की खुशी को बढ़ाकर उसका आनंद लेते हैं।

होली पर रंग डालना,

होली की सबसे प्रसिद्ध और सभी गतिविधियों में से एक यह है कि एक दूसरे पर रंग का पानी और गुलाल फेंकना, एक रोमांचक गतिविधि है जो देवी देवताओं, दोस्तों, और परिवार के सदस्यों से लेकर आस्था और सम्मान दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है इसलिए रंग का होली के दिन एक बहुत बड़ा महत्व माना गया है।

होली का त्योहार 2023 में कब मनाया जाएगा,

जैसा कि आप लोग जानते हैं होली के त्यौहार को प्यार का त्यौहार भी कहा जाता है, जय सभी को आनंदित करने वाला हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार माना जाता है जो बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के रूप में पूरे भारत में खुशी से मनाया जाता है ,
2023 में होली का त्यौहार कब शुरू होगा ,
दोस्तों होली का तोहार ,

7 मार्च को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है तथा इसी प्रकार,

8 मार्च के दिन रंगों का खेल का दिन होगा जिसे मनाने के लिए पूरा देश सड़कों पर उतर जाएगा और होली के त्यौहार की खुशियों को धूमधाम से मनाएगा।

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