दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि, नया साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। ( naya sal 1 january ko kyu manaya jata hai) जैसे की आप सभी को पता है साल 2018 ख़त्म होने वाला है और नए साल 2019 की शुरुआत होने वाली है। नए साल की शुरुआत होते ही लोग नए साल के जश्न में डूब जाएंगे। आपको बता दें की भारत के सभी धर्मों में नया साल अलग अलग दिन सेलिब्रेट किया जाता है।
जैसे महाराष्ट्र में मार्च-अप्रैल के महीने आने वाली गुड़ी पड़वा के दिन नया साल मनाया जाता है। पंजाब में नया साल बैसाखी के दिन मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में भी बैसाखी के आस-पास ही नया साल मनाया जाता है। गुजराती में नया साल दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर में भी नया साल मुहर्रम के नाम से जाना जाता है।
1 जनवरी से शुरू होने वाले कैलेंडर को ग्रिगोरियन कैलेंडर के नाम से जाना जाता है, जिसकी शुरूआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई। इस कैलेंडर की शुरूआत ईसाईयों ने क्रिसमस की तारीख निश्चित करने के लिए की थी। क्योंकि ग्रेगोरियन कैलेंडर से पहले 10 महीनों वाला रूस का जूलियन कैलेंडर प्रचलन में था।
लेकिन इस कैलेंडर में कई गलतियां होने की वजह से हर साल क्रिसमस की तारीख कभी भी एक दिन में नहीं आया करती थी। क्रिसमस का दिन ईसाईयों के बीच बहुत खास होता है। इसी दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। यीशु ने लोगों के हितों के लिए अपनी जान दी थी और इनके इस त्याग को हर साल क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है।
रूस के जूलियन कैंलेंडर में कई सुधार हुए और इसे 24 फरवरी को राजकीय आदेश से औपचारिक तौर पर अपना लिया गया। यह राजकीय आदेश पोप ग्रिगोरी ने दिया था, इसीलिए उन्हीं के नाम पर इस कैलेंडर का नाम ग्रेगोरियन रखा गया और 15 अक्टूबर 1582 को लागू कर दिया गया। आज यही ग्रेगोरियन कैलेंडर पूरी दुनिया में मशहूर है और इसी में मौजूद पहले दिन यानि 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है।
नए साल का जश्न क्यों मनाया जाता है
ऐसा भी माना जाता है कि, जनवरी महीने का नाम रोमन के देवता ‘जानूस’ के नाम पर रखा गया था। मान्यताओं के अनुसार जानूस दो मुख वाले देवता थे, जिसमें एक मुख आगे की ओर वहीं दूसरा पीछे की ओर था। कहा जाता है कि, दो मुख होने की वजह से जानूस को बीते हुए कल और आने वाले कल के बारे में पता रहता था। इसलिए देवता जानूस के नाम पर जनवरी को साल का पहला दिन माना गया और 1 जनवरी को साल की शुरुआत मानी गई। इसलिए 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है।
नए साल के दिन कुछ अलग करें
नए साल का जश्न तो हर कोई मनाता है। लेकिन आप जश्न मनाने के साथ साथ कुछ अलग करें जो यादगार बन जाएं। आप सभी नए साल के दिन एक एक पौधा अवश्य लगाएं। और अपने परिवार के सदस्यों से भी पौधे लगवाएं। ऐसा करने से आपको नया साल का दिन याद भी रहेगा और आपको आपके आसपास वातावरण में हरियाली भी रहेगी।
आपको हमारी तरफ से नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं